होटल के दर्शनीय मार्ग पर मैं टहल रहा था कि तभी एक सफाई करने वाली महिला ने रेस्टरूम की सफाई करते हुए मुझे देखा.उसकी वर्दी ने उसके उभारों को पूरी तरह से जकड़ लिया, उसकी गोल गांड और सुडौल स्तनों पर जोर दिया.मेरी जिज्ञासा चरमोत्कर्ष तक पहुंचने में उसकी सहायता करने की थी, और मैंने उसे चरमोत्कश तक पहुंचाने का फैसला किया.सफाई करने वाली महिला, शुरू में अचकचा गई, जल्द ही मेरी प्रगति के आगे झुक गई.मैंने अपनी पैंट खोल दी और वहीं टॉयलेट में अपने लंड को स्ट्रोक करना शुरू कर दिया.मेरे सामने उसके घुटनों पर उसकी नजर, उसका चेहरा मेरी पैंट में दब गया, उसे परमानंद की कगार पर ले जाने के लिए पर्याप्त था.उसके होंठ मेरे शाफ्ट को ऊपर और नीचे खिसकते हुए थे.मेरी त्वचा पर उसकी जीभ की सनसने से मेरे शरीर में खुशी की लहरें आ गईं.मैं उसके थिरती हुई क्लिट को अपने जानवरों के खिलाफ महसूस कर सकता था क्योंकि वह मेरे जंगली लंड को रॉड की तरह से भरती रही थी.जैसे ही मैंने उसका कमरा तब तक भरा रहा, जब तक कि मैं उसके चेहरे को ढक नहीं दिया, अंत में उसके चेहरे को अपने चेहरे से चिपकाकर छोड़ दिया.