भारत के मध्य में एक छोटे से गाँव में एक युवा लड़की खुद को किसी कंपनी के लिए तड़पता हुआ पाती है। जब वह खेतों में भटकती है, तो उसका मन उसके रूढ़िवादी समुदाय में वर्जित मौखिक सेक्स के सुखों की ओर बहता है। वह अपने शरीर का पता लगाना शुरू करती है, अपनी कोमल त्वचा पर नाचती हुई उंगलियां, अपने स्तनों के उभारों का पता लगाती है और अपनी टांगों के बीच नरम सिलवटें। उसकी जीभ इस प्रकार है, अपनी इच्छाओं की गहराइयों की खोज करती हुई जैसे वह खुद को परमानंद की कगार पर लाती है। लेकिन जैसे ही वह वहाँ लेट जाती है, अपने आनंद के आलोक में झांकते हुए, उसे पता चलता है कि वह अकेली नहीं है। एक आदमी उसे साये से देखता है, उसकी आँखें इच्छा से भर जाती हैं। यह निषिद्ध प्रेम, वर्जित सुखों और अन्वेषण के रोमांच की एक कहानी है। यह एक युवा लड़की की इच्छा और जुनून की कहानी है, जो खुद को आनंदित करना सीखती है और एक आदमी जो उसे दुनिया के तरीके सिखाता है।.